रविवार, 22 अगस्त 2010

एक छोटा आसमान

माँ एक असमान दो मुझे मुझे बचपन को जीनाहैं
कुछ पल जिन्दगी के सुकून से जीना हैं

ये आंसू कोई पोछ दे मेरे
मुझे बचपन को जी भर के जीना हैं हैं






बस इस दुनिया में अगर जगह नहीं मेरे लिए

एक छोटा आसमान दे दो एक सफ़र के लिए

अविनाश




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